स्फटिक की माला

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overview

बहुत से लोग स्फटिक की माला या अंगुठी पहनते हैं। स्फटिक को नग के बजाय माला के रूप में पहना जाता है। हालांकि कुछ लोग इसका ब्रेसलेट बनवाकर भी पहनते हैं। इसका शिवलिंग भी बनाया जाता है। यह स्फटिक क्या होता है। और इसके पहनने के क्या फायदे हैं। और क्या इसे पहनने के नुकसान भी है। आओ जानते हैं। स्फटिक के फायदे हैं। क्या होता है। स्फटिक- स्फटिक को सफेद बिल्लौर भी कहा जाता है। अंग्रेज़ी में रॉक क्रिस्टल, संस्कृत में सितोपल, शिवप्रिय, कांचमणि और फिटक आदि कहते हैं। स्फटिक बर्फ के पहाड़ों पर बर्फ के नीचे टुकड़े के रूप में पाया जाता है। कहते हैं कि यह सिलिकॉन और ऑक्सीज़न के एटम्स के मिलने से बनता है। यह बर्फ के समान पारदर्शी और सफेद होता है। दरअसल, स्फटिक एक रंगहीन, पारदर्शी, निर्मल पत्थर होता है। जो कि सफेद रंग का चमकदार दिखाई देता है। देखने में कांच जैसा प्रतीत होने वाले स्फटिक पत्थर से विशेष कटिंगदार मनके बनाकर मालाएं भी बनाई जाती हैं। यह फिटकरी की तरह दिखाई देता है। यह आसानी से मिल जाता है। फिर भी इसके असली होने की जांच कर ली जानी चाहिए। असली स्फटिक की पहचान- मार्केट में स्फटिक के नाम पर कांच की या प्लास्टिक की मालाएं मिलती हैं। लेकिन स्फटिक एक शुद्ध चमकिला पत्थर है। हाथ में लेने पर यह भारी और एकदम ठंडा लगेगा। इसकी चमक कभी भी खतम नहीं होती है। जब इसे रगड़ेंगे तो इसमें स्पार्क होगा। इसके मोती एकदम से पारदर्शी नहीं होते हैं। यह कभी भी मटमेला नहीं होता। इसकी माला अंधेरे में लाइट मरने पर चमकती है। इसके मोती पूरी तरह से गोल नहीं होते। इसकी माला के हर मो‍तियों का साइज अलग-अलग हो सकता है। कोई छोटा तो कोई बड़ा। क्योंकि इसकी कोई कटिंग नहीं होती है। हां, डायमंड कट माला के मोती एक जैसे होते हैं। लेकिन वह बहुत महंगे मिलते हैं। स्फटिक- स्फटिक पंचमुखी ब्रह्मा का स्वरूप है। लाभ- कहते हैं। संस्कारित स्फ़टिकमाला पहनने से किसी भी प्रकार का भय और घबराहट नहीं रहती है।  इसकी माला धारण करने से मन में सुख, शांति और धैर्य बना रहता है। ज्योतिष अनुसार इसे धारण करने से धन, संपत्ति, रूप, बल, वीर्य और यश प्राप्त होता है। माना जाता है कि इसे धारण करने से भूत-प्रेत आदि की बाधा से भी मुक्ति मिल जाती है। इसकी माला से किसी मंत्र का जप करने से वह मंत्र शीघ्र ही सिद्ध हो जाता है। इससे सोच-समझ में तेजी और दिमाग का विकास होने लगता है।  इसकी भस्म से ज्वर, पित्त-विकार, निर्बलता तथा रक्त विकार जैसी व्याधियां दूर होती है। स्फटिक किसी भी पुरुष या स्त्री को एकदम स्वस्थ रखता है। स्फटिक की माला को भगवती लक्ष्मी का रूप माना जाता है। स्फटिक की माला धारण करने से शुक्र ग्रह दोष दूर होता है। स्फटिक के उपयोग से दु:ख और दारिद्र नष्ट होता है। यह पाप का नाशक है। पुण्य का उदय होता है।  सोमवार को स्फटिक माला धारण करने से मन में पूर्णत: शांति की अनुभूति होती है। एवं सिरदर्द नहीं होता। शनिवार को स्फटिक माला धारण करने से रक्त से संबंधित बीमारियों में लाभ होता है। अत्यधिक बुखार होने की स्थिति में स्फटिक माला को पानी में धोकर कुछ देर नाभि पर रखने से बुखार कम होता है। एवं आराम मिलता है। इसे देवी लक्ष्मी का प्रिय माना जाता है। कहते हैं कि इसे गले में धारण करने से व्यक्ति जीवन में सारी सुख-सुविधाएं हासिल करता है। इस माला को धन प्राप्ति का सबसे अच्छा स्त्रोत माना जाता है। रत्न शास्त्र के अनुसार स्फटिक की माला को शुक्रवार के दिन देवी मां लक्ष्मी को अर्पण करने से घर में समृद्धि आती है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक जो लोग भौतिक सुखों का लाभ लेना चाहते हैं। उन्हें रोजाना स्फटिक की माला से मां लक्ष्मी के किसी भी सिद्ध मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। इससे उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी।  इस माला को धारण करने से व्यक्ति के रुके हुए काम पूरे हो जाते हैं। उसे काम के नए अवसर मिलते हैं। नौकरी एवं व्यापार दोनों में तरक्की होती है। यदि घर-परिवार में किसी कारण से आर्थिक संकट आ गया हो तब भी स्फटिक रत्न पहनना बहुत शुभ होता है। इसे आप गले में माला की तरह व अंगूठी में धारण कर सकते हैं। इसे पहनने के लिए शुक्रवार व बुधवार का दिन अच्छा माना जाता है। स्फटिक रत्न धारण करने से पहले इसे गंगा जल से शुद्ध कर लें। इसके बाद इसे मां लक्ष्मी के सामने रख दें। रत्न को धूपबत्ती एवं दीपक दिखाएं। अब " ॐ श्री लक्ष्मये नमः " मंत्र का जाप करें। अब इसे अपने गले में धारण करें। अब माला पहनने के बाद भी रोजाना इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। ये मंत्र आप रोजाना दिन में एक माला कर सकते हैं। अगर आपके घर में अक्सर लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं। तो शुक्रवार के दिन स्फटिक की माला पहनने से घर में शांति आएगी। इस से प्रेम संबंध बेहतर होगा। यदि घर की सम्पत्ति एवं सदस्यों की आय बढ़ानी हो तो दक्षिण दिशा में रखे तिजोरी में रखनी चाहिए। इससे धन वर्षा होती है। याद रहे कि तिजोरी इस प्रकार रखें कि तिजोरी का दरवाजा उत्तर दिशा की ओर खुले। यदि व्यापार अच्छा नहीं चल रहा है। तो इसे ठीक करने में भी स्फटिक बहुत लाभकारी है। दरअसल दुकान व कारखाने की तिजोरी में पूजा किए गए स्फटिक की माला रखने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। और बिजनेस अच्छा चलने लगता है। इससे गरीबी भी दूर होती है। स्फटिक की माला से जप करने पर मानसिक शांति भी मिलती है। साथ ही अगर इसे तिजोरी में रखा जाए तो इससे धन की वृद्धि होती है। साथ ही जमीन-जायदाद से जुड़े मसले भी हल होंगे। यदि स्फटिक नकली है। तो इसके क्या नुकसान होंगे यह कोई नहीं जानता। असली स्फटिक की प्रकृति ठंडी होती है। अत: यह शरीर में ठंडक पैदा करता है। ठंड में इसकी माला पहने रहने से शरीर और भी ठंडा हो जाता है। यह भी कहा जाता है। स्फ़टिक आपके शरीर की सारी गर्मी सोख लेता है। एवं शरीर को आराम दिलाता है मानसिक तनाव को भी दूर करता है। मन मे शांति लाता है।

ॐ रां रामाय नमः
श्रीराम ज्योतिष सदन
भारतीय वैदिक ज्योतिष और नवग्रह रत्न एवं मंत्र यंत्र तंत्र परामर्शदाता
पंडित आशु बहुगुणा
मोबाइल नं- 9760924411
https://shriramjyotishsadan.in/Default.aspx https://youtube.com/@AstroAshuPandit?si=BA4arcEU5om86yvR

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