सिद्ध शुक्र यंत्र

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सिद्ध शुक्र यंत्र

नवग्रह मंडल में शुक्र को मंत्री पद प्राप्त है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, शुक्र को स्त्री ग्रह माना गया है। जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह स्वामी होता है वे लोग काफी सुंदर और आकर्षक होते हैं। शुक्र को पति-पत्नी, प्रेम संबंध, भोग-विलास, ऐश्वर्य और आनंद का कारक माना जाता है। यदि किसी जातक की कुंडली में शुक्र की स्थिति अच्छी हो तो जातक का जीवन सुखमय गुजरता है। शुक्र के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को मकान और वाहन का भी सुख प्राप्त हो सकता है। वहीं शुक्र के अशुभ होने पर जातक को गुप्त रोगों का सामना करना पड़ता है। वहीं जिनकी कुंडली में शुक्र कमजोर होता है। उनके वैवाहिक और प्रेम जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। ऐसे में यदि आप शु्क्र के अशुभ प्रभाव को कम करना चाहते हैं तो आपके लिए शुक्र यंत्र का उपयोग उचित रहता है।

सिद्ध शुक्र यंत्र के लाभ -

किसी कुंडली में शुक्र के नकारात्मक या अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए शुक्र यंत्र की प्रतिष्ठा करनी चाहिए। 
शुक्र यंत्र का शुभ प्रभाव जातक को सुखी और संपन्न जीवन जीने में सहायता करता है। 
घर में शुक्र यंत्र को स्थापित करने से रिश्तों में मजबूती बनी रहती है।
इस यंत्र से मान-सम्मान, प्रेम, मानसिक, शांति और कलात्मक कलाओं में सफलता प्राप्त होती है।
इस यंत्र को ऑफिस में रखने से व्यापार में वृद्धि और सही निर्णय लेने में भी मदद मिलती है। 
यदि किसी स्त्री को प्रजनन करने में कठिनाई हो तो उसे शुक्र यंत्र को अपने घर में स्थापित करना चाहिए। 
अगर आप डिजायनर, कलाकार, अदाकार या किसी रचनात्मक क्षेत्र से जुड़े हुए हैं तो इस यंत्र की पूजा करने से आपको नए आयम प्राप्त होंगे।
जिन व्यक्तियों को गले से संबंधित परेशानी हो, शराब की लत हो, किसी प्रकार का गुप्त रोग हो, गर्भाशय की समस्या हो या डायबिटीज हो। ऐसे में शुक्र यंत्र काफी फलदायी सिद्ध हो सकता है। 

शुक्र यंत्र को घर या ऑफिस में स्थापित करना चाहिए। इससे नकारात्मक शक्ति से छुटकारा मिलता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

यह यंत्र आपके जीवन में आ रही कोई भी बाधाएं को दूर करता है।

ऐसा माना जाता है। शुक्र यंत्र  उस स्थान को पवित्र करता है।  जहाँ इस यंत्र को स्थापित किया जाता है। इस यंत्र को  पश्चिम की ओर पूर्व दिशा में लगाना  सर्वोत्तम माना गया  है। इस शुक्र यंत्र को अपने घर या कारोबार में स्थापित करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस केतु यंत्र का सर्वोत्तम लाभ प्राप्त करने के लिए उचित स्थान पर स्थापित करना आवश्यक है। गलत स्थान पर स्थापित करने से आपको इस यंत्र का लाभ प्राप्त नहीं होगा। शुक्र यंत्र  को कैसे और कहाँ स्थापित करें ?  इस यंत्र की अधिक जानकारी के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते है।

ॐ रां रामाय नमः
श्रीराम ज्योतिष सदन
भारतीय वैदिक ज्योतिष और नवग्रह रत्न एवं मंत्र यंत्र तंत्र परामर्शदाता
पंडित आशु बहुगुणा
मोबाइल नं- 9760924411
https://shriramjyotishsadan.in/Default.aspx https://youtube.com/@AstroAshuPandit?si=BA4arcEU5om86yvR

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