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सिद्ध भैरव यन्त्र
तंत्र विद्या में भगवान भैरव की आराधना की जाती है। भैरव को भगवान शिव का अंश अवतार माना जाता है। भगवान भैरव का रंग श्याम है। और इनकी चार भुजाएं है। जिनमें वे त्रिशूल, खडग, खप्पर तथा नरमुंड धारण किए हुए है। साथ ही इनका वाहन कुत्ता होता है। इन्हे भूत-प्रेत और योगिनियों के स्वामी माना गया है। कलियुग में पग-पग पर व्यक्ति को बाधाओं, परेशानियों और शत्रुओं का सामना करना पडता है। ऐसी स्थिति में मंत्र साधना ही एक ऐसा मार्ग रह जाता है। जिसके द्वारा आप अपनी समस्याओं और शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकते है। शास्त्रों में भी इसका वर्णन मिलता है कि भैरव यंत्र को स्थापित और पूजा करने से समस्त बाधाएं दूर हो जाती है।
भैरव यंत्र के लाभ -
इस यंत्र को अपने घर में स्थापित करने से जीवन में आ रही मुसीबतें ख़त्म हो जाती है।
भैरव यंत्र काला जादू, बुरी शक्तियाँ या बुरी आत्माओं से भी सुरक्षा प्रदान करता है।
यह यंत्र आपके आसपास मौजूद नकारात्मक शक्तियों को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
इस यंत्र को स्थापित करने से आपके कारोबार में वृद्धि और साथ ही घर में भी सुख समृद्धि आती है।
ऐसा माना जाता है। भैरव यंत्र उस स्थान को पवित्र करता है। जहाँ इस यंत्र को स्थापित किया जाता है। इस यंत्र को पश्चिम की ओर पूर्व दिशा में लगाना सर्वोत्तम माना गया है। इस यंत्र को अपने घर या कारोबार में स्थापित करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस यंत्र का सर्वोत्तम लाभ प्राप्त करने के लिए उचित स्थान पर स्थापित करना आवश्यक है। गलत स्थान पर स्थापित करने से आपको इस यंत्र का लाभ प्राप्त नहीं होगा। भैरव यंत्र को कैसे और कहाँ स्थापित करें ? इस यंत्र की अधिक जानकारी के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते है।
ॐ रां रामाय नमः श्रीराम ज्योतिष सदन भारतीय वैदिक ज्योतिष और नवग्रह रत्न एवं मंत्र यंत्र तंत्र परामर्शदाता पंडित आशु बहुगुणा मोबाइल नं- 9760924411