अनिष्ट शक्तिसे सम्बन्धित

अनिष्ट शक्तिसे सम्बन्धित आध्यात्मिक उपाय आजकल अधिकांश घरोंमें अनिष्ट शक्तियोंका कष्ट है, फलस्वरूप घरमें कलह क्लेश रहना, नींद न आना, नींद अधिक आना, नींदमें भयानक स्वप्न आना, या डर जाना, शरीरमें वेदना रहना, गर्भपात होना, आर्थिक हानि होना, आदि कष्ट पाये गए हैं | यह सब वास्तुदोषके कारण हो सकते हैं |
वास्तु क्या है ? जिस स्थानपर भी चार दीवारें खड़ी हो जाएँ, उसे वास्तु कहते हैं और वहाँ जो शक्ति निर्मित हो जाती है, उसे वास्तु देवता कहते हैं |
आजकल ‘वास्तु’, यह शब्द एक फ़ैशन समान प्रचलित हो गया है और अनेक ढोंगी इस शास्त्रका आधार ले, लोगोंको दिशाहीनकर, उन्हें लूटते हैं | अतः सर्व-सामान्य व्यक्तिको इसके बारेमें शिक्षित करना और वास्तु शुद्धिके सरल उपाय बताना हम सबका कर्तव्य है |
सर्वप्रथम यह जान लें कि वास्तुके अनुसार अधिकतम ६% ही कष्ट हो सकते हैं और शेष कष्ट अन्य कारणोंसे होते हैं; परंतु वास्तुका शुद्ध एवं पवित्र रहना, हमारी साधना एवं सुखी जीवनके लिए आवश्यक एवं पूरक भी है | घर यदि सौ प्रतिशत वास्तुशास्त्र अनुसार भी बना हो, तो भी आपके जीवनमें कष्ट आएंगे ही | अतः वास्तु शुद्धिके प्रयत्नके साथ ही योग्य प्रकारसे साधना करना परम आवश्यक है | तो आइए वास्तु शुद्धिके कुछ सरल उपाय देख लें |
१. तुलसीके पौधे लगायें |
२. घर एवं आसपासके परिसरको स्वच्छ रखें |
३. घरमें नियमित गौ मूत्रका छिड़काव करें, देसी गायके गौ मूत्रमें अनिष्ट शक्तिको दूर करनेकी सर्वाधिक क्षमता होती है |
४. घरमें सप्ताहमें दो दिन कच्ची नीमपत्तीकी धुनी जलाएं |
५. घरमें कंडे या लकड़ीसे अग्नि प्रज्ज्वलितकर, धुना एवं गूगुल जलाएं और उसके धुएँको प्रत्येक कमरेमें थोड़ी देर दिखाएँ |
७. संतोंके भजन, स्त्रोत्र पठन या सात्त्विक नामजपकी ध्वनि चक्रिका, अर्थात सीडी चलायें | (हमारे पास वास्तु शुद्धि हेतु मंत्रजपकी सीडी उपलब्ध है |)
८. घरमें अधिकाधिक समय नामजप करें, नामजपसे निकलनेवाले स्पंदनसे घरकी शुद्धि होती है |
९. घरमें कलह-क्लेश टालें, वास्तु देवता “तथास्तु” कहते रहते हैं, अतः क्लेशसे क्लेश और बढ़ता है और धनका नाश होता है |
१०. सत्संग प्रवचनका आयोजन करें | अतिरिक्त स्थान घरमें हो तो धर्मकार्य हेतु या साप्ताहिक सत्संग हेतु वह स्थान किसी संत या धर्मकार्य हेतु अर्पण करें |
११. संतोंके चरण घरमें पड़नेसे घरकी वास्तु १०% तक शुद्ध हो जाती है | अतः संतोके आगमन हेतु अपनी भक्ति बढ़ाएं |
१२. प्रसन्न एवं संतुष्ट रहें | घरके सदस्योंके मात्र प्रसन्नचित्त रहनेसे घरकी ३०% शुद्धि हो जाती है |
१३. घरकी रंगाई और पुताई समय-समयपर कराते रहें | घरके पर्दे, दीवारें, चादरें काले, हरे, बैगनी रंगोंके न हों, यह ध्यानमें रखें |
१४. घरमें कृत्रिम और प्लास्टिकके फूलसे सजावट न करें |
१५. घरमें दूरदर्शन संचपर रज-तम प्रधान धारावाहिक, भुतहा फिल्में या धारावाहिक न देखें |
१६. फेंग-शुई, यह एक आसुरी पद्धति है | इससे घरकी शुद्धि नहीं, वरन काली शक्ति बढ़ती है | अतः इससे सम्बंधित सर्व सामग्रीका उपयोग पूर्णत: टालें |
१७. घरमें नैसर्गिक धूप और हवाके लिए प्रतिदिन द्वार और खिड़की खोलें, इससे घरकी शुद्धि होती है |
१८. घरमें पितरोंके चित्र दृष्टिके सामने न रखें |
१९. घरके किसी एक कोने या कमरेमें विशेषकर भण्डार-गृह (स्टोर रूम) में कबाड़ एकत्रित न रखें | वह एक प्रकारसे अनिष्ट शक्तियोंको घरमें रहने हेतु आमंत्रण देना है |
२०. घरके शौचालय और स्नानगृहको सदैव स्वच्छ रखें |
२१. घरके पूजाघरको शास्त्रानुसार रचनाकर, वहाँ प्रातःकाल एवं संध्या आरती करें | (इस बारेमें और अधिक जानकारी हम आगामी अंकों में देते रहेंगे )
२२. घरमें फिल्मी अभिनेता और अभिनेत्रियों एवं आजके राजनेता, क्रिकेट खिलाड़ी, इत्यादिके चित्र न लगाएँ, इससे भी रज-तम प्रधान स्पंदन घरमें निर्मित होते हैं |
२३. घरमें सात्त्विक पुष्प, जैसे गेंदा, जाई, जुई, राजनीगंधा, चंपा, चमेली जैसे पौधे लगाएँ |
२४. घरके सामने काँटेदार पौधे जैसे कैक्टस(cactus) इत्यादि न लगाएँ |
२५. घरके बाहर भयानक मुखौटे टाँगकर न रखें !  जय श्री राम ॐ रां रामाय नम:  श्रीराम ज्योतिष सदन, पंडित आशु बहुगुणा ,संपर्क सूत्र- 9760924411