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- शाबर मन्त्रों के सम्बन्ध में कुछ लोग यह कहते हैं।
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- चमत्कारिक तान्त्रिक वनस्पतियों का रहस्य
- आप अनावश्यक खर्चों से परेशान है। तो यह उपाय करें ।
- इन छोटे-छोटे उपायो से सुख-समृद्धि लाएं ।
- कारोबारी अपनी समस्या का समाधान पाएं ।
- चावल के 21 दानें रखें --पैसों की तंगी होगी खत्म
- शीघ्र ही लाभ होगा इन उपायो के करने पर ।
- धन समृद्धि के अचूक टोटके अपना कर लाभ उठाएं ।
- नवग्रह के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए उपाय करें ।
- शादी करने के अद्भुत अनुभूत उपाय इस प्रकार हैं ।
- क्यों बदल जाती है। लाइफ पार्टनर की सोच ।
- कुछ लक्षणों को देखते ही व्यक्ति के मन में आशंका हो जाती है ।
- ऋण मुक्ति के अचूक उपाय इस प्रकार हैं ।
- बंधी हुई दुकान को खोलने के अचूक उपाय ।
- जीवन की विभिन्न समस्याओं का समाधान पाएं ।
- लाल किताब के अचूक अद्भुत टोटके ।
- वास्तु द्वारा उपाय करने पर कष्ट का निवारण ।
- अंक ज्योतिष द्वारा समस्या का समाधान पाएं ।
- शनिदेव के कल्याणकारी उपाय
- भारतीय वैदिक ज्योतिष द्वारा समाधान
- रत्नो द्वारा नव ग्रहों का समाधान करे ।
- देवताओं के उपासनासंबंध से तंत्र
- श्री हनुमंत वडवानल स्तोत्र
- श्री हनुमान जी की स्तुति
- बन्दी-मोचन स्तोत्र
- हनुमान बाहुक :हिन्दी भावार्थ सहित
- श्रीविचित्र-वीर-हनुमन्-माला-मन्त्र
- बजरंग बाण का अमोघ विलक्षण प्रयोग
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- राहु ग्रह के गुण अवगुण
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- ग्रह दोष स्वयं पहचाने और उपाय करें।
- श्री कार्तवीर्यार्जुन मन्त्र – प्रयोग
- कैसे प्राप्त होती है। भूतप्रेतों की योनि
- यदि जीवन में निरंतर समस्याए आ रही है।
- दुर्गा सप्तशती पाठ-अद्भुत शक्तियां प्रदान करता है।
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- मंत्र जाप करने के भी कुछ नियम होते हैं।
- बटुक भैरव साधना
- बगलामुखी देवी दश महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या का नाम से उल्लेखित है।
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कारोबारी अपनी समस्या का समाधान पाएं ।
कारोबारी अपनी समस्या का समाधान पाएं।
कारोबारी सफलता के लिए प्रत्येक अमावस्या के दिन अपने पूरे घर की सुंदर सफाई करें। तत्पश्चात परिवार के सभी सदस्य नहा धोकर शुद्ध वस्त्र धारण करके एक जगह एकत्रित होकर अपने बीच में चौकी रखकर उस पर लाल वस्त्र बिछा दें। वस्त्र के ऊपर 11 मुट्ठी मसूर की दाने रखकर उसके ऊपर एक चौमुखा दीपक प्रज्ज्वलित कर रख दें। तत्पश्चात घर के सभी सदस्य सुंदर काण्ड का पाठ करें। संपूर्ण कष्टों से छुटकारा मिलेगा।
नया कारोबार करने से पहले
नया कारोबार, नई दुकान या कोई भी नया कार्य करने से पूर्व मिट्टी के पांच पात्र लें जिसमें सवाकिलो सामान आ जाएं। प्रत्येक पात्र में सवा किलो सफेद तिल, सवा किलो पीली सरसों, सवा किलो उड़द, सवा किलो जौ, सवा किलो साबुत मूंग भर दें। मिट्टी के ढक्कन से ढंक कर सभी पात्र को लाल कपड़े से मुंह बांध दें और अपने व्यवसायकि स्थल पर इन पांचों कलश को रख दें। वर्ष भर यह कलश अपनी दुकान में रखें ग्राहकों का आगमन बड़ी सरलता से बढ़ेगा और कारोबारी समस्या का निवारण भी होगा। एक वर्ष के बाद इन संपूर्ण पात्रों को अपने ऊपर से 11 बार उसार कर बहते पानी में प्रवाह कर दें। और नये पात्र भरकर रख दें।
कार्य में बार-बार आने वाली समस्या
यदि आपको अपने कार्य में अनावश्यक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बार-बार कार्य में रूकावट आ रही हो तो आप अपने घर में शनिवार के दिन तुलसी का पौधा लगाएं और हर रोज सुबह-शाम घी का दीपक जलाने से कार्य में बार-बार आने वाली समस्या का निवारण बड़ी सरलता से हो जाएगा।
कारोबार में अनावश्यक परेशानी हेतु
अगर कारोबार में अनावश्यक परेशानी आ रही हो, लाभ मार्ग अवरोध हो रहा हो तो हर रोज शाम को गोधूलि वेला में यानि साढ़े पांच से छ: बजे के बीच में अपने पूजा स्थान में श्री महालक्ष्मी की तस्वीर स्थापित करके या तुलसी के पौधे के सामने में गो घृत का दीपक जलाएं। दीपक प्रज्ज्वलित करने के बाद उसक अंदर अपने इष्ट देव का ध्यान करते हुए एक इलायची डाल दें। ऐसा नियमित 186 दिन करने से व्यापार में लाभ होगा। दीपक और इलायची हमेशा नया प्रयोग में लाएं।
कारोबारी समस्या निवारण हेतु
कारोबार में समस्या आ रही हो, व्यवसाय चल नहीं रहा हो और कर्ज से परेशान हो रहे हो तो इस प्रयोग को करके देखें। यह प्रयोग किसी भी महीने शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार के दिन शुरू करें और नियमित 186 दिन करें। हर रोज स्नानोपरांत पीपल, बरगद या तुलसी के पेड़ के नीचे चौमुखा देसी घी का दीपक जलाएं। और शुद्ध कंबल का आसन बिछाकर एक पाठ विष्णु सहस्रनाम का करें तथा 11 माला ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र की जाप करें। मां लक्ष्मी की कृपा होगी और कारोबारी समस्या का निवारण हो जाएगा।
व्यवसाय में बाधाएं
यदि आपके व्यवसाय में बाधाएं चल रही हों तो आपको अपने कार्यस्थल पर पीले रंग की वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए तथा पूजाघर में हल्दी की माला लटकानी चाहिए। भगवान लक्ष्मी-नारायण के मंदिर में लड्डू का भोग लगाना चाहिए।
व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ
व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ की प्राप्ति नहीं हो रही हो तो किसी भी शनिवार के दिन नीले कपड़े 21 दानें रक्त गुंजा के बांधकर तिजोरी में रख दें। हर रोज धूप, दीप अवश्य दिखाएं। अपने इष्टदेव का ध्यान करें। ऐसा नियमित करने से व्यापार में लाभ मिलेगा और सफलता भी प्राप्त होगी।
कारोबारी, पारिवारिक, कानूनी परेशानियों से छुटकारा दिलाने वाला अमोध प्रयोग
आप अपना काम कर रहे हो कठिन परिश्रम के बावजूद भी लोग आपका हक मार देते हैं। अनावश्यक कार्य अवरोध उत्पन्न करते हों। आपकी गलती न होने के बावजूद भी आपको हानि पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा हो तो यह प्रयोग आपके लिए बहुत ही लाभदायक सिध्द होगा। रात्रि में 10 बजे से 12 बजे के बीज में यह उपाय करना बहुत ही शुभ रहेगा। एक चौकी के ऊपर लाल कपड़ा बिछा कर उसके ऊपर 11 जटा वाले नारियल। प्रत्येक नारियल के ऊपर लाल कपड़ा लपेट कर कलावा बांध दें। इन सभी नारियल को चौकी के ऊपर रख दें। घी का दीपक जला करके धूप-दीप नेवैद्य पुष्प और अक्षत अर्पित कर। नारियल के ऊपर कुमकुम से स्वस्तिक बनाए और उन प्रत्येक स्वस्तिक के ऊपर पांच-पांच लौंग रखें और एक सुपारी रखें। माँ भगवती का ध्यान करें। माँ को प्रार्थना करें कष्टों की मुक्ति के लिए। कम्बल का आसन बिछा कर ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:11 माला करें, तत्पश्चात नारियल सहित समस्त सामग्री को सफेद कपड़े में बांध कर अपने ऊपर से 11 बार वार कर सोने वाले पलंग के नीचे रख दें। सुबह ब्रह्म मर्ुहूत्त में बिना किसी से बात किए यह सामग्री कुएं, तालाब या किसी बहते हुए पानी में प्रवाह कर दें। कानूनी कैसी भी समस्या होगी उससे छुटकारा मिल जाएगा।
व्यवसायिक परेशानी का निवारण
दीवाली के दिन नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत अपने पूजा स्थान में लक्ष्मी बीसा यंत्र एवं कुबेर यंत्र की श्रद्धापर्वूक स्थापना करने के उपरांत धूप, दीप, नैवेद्य, पुष्प और अक्षत से पंचोपचार पूजन करें। तत्पश्चात शुद्ध आसन बिछाकर स्फटिक की माला पर 11 माला इस ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्यादि पताये धन धान्य समृद्धि में देही दापय दापय स्वाहा मंत्र की जाप करें। संपूर्ण व्यावसायिक परेशानियों का निवारण होगा। हर रोज इस मंत्र की सुबह-शाम एक माला जाप करने से अवश्य धन में वृद्धि होगी।
घाटा दूर करने का उपाय
व्यापार में घाटा हो रहा हो या काम नहीं चल पा रहा हो, तो आप एक चुटकी आटा लेकर रविवार के दिन व्यापार स्थल या अपनी दुकान के मुख्य द्वार के दोनों ओर थोड़ा-थोड़ा छिड़क दें, साथ में कहें- जिसकी नजर लगी है उसको लग जाये। बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला। यह क्रिया शुक्ल पक्ष में ही करें। संभव हो तो प्रयत्न करें कि इस क्रिया को करते हुए आपको कोई न देखे। गुप्त रूप से यह क्रिया करने पर व्यापार का घाटा दूर होने लगता है। इसके अलावा व्यापार स्थल में मकडिय़ों के जाले व्यापार की वृद्घि को रोकते हैं। अत: व्यापार में बरकत के लिए प्रत्येक शनिवार को दुकान की सफाई आदि करते समय मकड़ी के जालों को अवश्य हटा देना चाहिए।
बिक्री बढ़ाने के व लाभ के उपाय
जिन उद्योगपतियों या व्यापारियों को काफी प्रयास और अथक परिश्रम करने के बावजूद बिक्री में वृध्दि नहीं हो पा रहा हो तो यह उपाय शुक्ल पक्ष में गुरुवार से प्रारम्भ करें और प्रत्येक गुरुवार को इस क्रिया को दोहराते रहें। घर के मुख्य द्वार के एक कोने को गंगाजल से शुध्द कर लें या धो लें। शुध्द किए गए स्थान पर स्वस्तिक का चिह्न बनाएं और उस पर थोड़ा दाल और गुड़ रख दें। साथ ही एक घी का दीपक जला दें। ध्यान रहे कि स्वस्तिक का चिह्न हल्दी से ही बनाएं। स्वास्तिक बनाने के बाद उसको बार-बार नहीं देखना चाहिए। यह उपाय बहुत ही सरल है और इसका प्रभाव शीघ्र ही परिलक्षित होने लगता है।
कारोबार में वृद्धि हेतु
हर रोज प्रात:काल नित्यकर्म से निवृत्त होकर स्नानोपरांत तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें थोड़ी सी रोली डालकर ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:॥ मंत्र का जाप करते हुए तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं। शाम को गाय के शुद्ध देसी घी का दीपक जलांए और इसी मंत्र की पांच माला जाप करें।
व्यवसायिक समस्याओं का निवारण हेतु
कठिन परिश्रम व मेहनत करने के उपरांत लाभ की प्राप्ति नहीं हो रही हो तो प्रत्येक गुरुवार के दिन शुभ घड़ी में पीले कपड़े में 9 जोड़े चने की दाल, 9 पीले गोपी चंदन की डलियां, 9 गोमती चक्र इन सबको पोटली बनाकर किसी भी मंदिर में केले के पेड़ के ऊपर शाम के समय टांग दें। साथ ही एक घी का दीपक भी प्रज्ज्वलित कर लें। ऐसा 11 गुरुवार करने से धन की प्राप्ति होगी और व्यवसायिक समस्याओं का निवारण भी होगा।
धन का न रूकना
किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के प्रथम बुधवार के दिन 1 तांबे का सिक्का, 6 लाल गुंजा लाल कपड़े में बांधकर प्रात: 11 बजे से लेकर 1 बजे के बीच में किसी सुनसान जगह में अपने ऊपर से 11 बार उसार कर 11 इंच गहरा गङ्ढा खोदकर उसमें दबा दें। ऐसा 11 बुधवार करें। दबाने वाली जगह हमेशा नई होनी चाहिए। इस प्रयोग से कारोबार में बरकत होगी, घर में धन रूकेगा।
धन वृद्धि हेतु
किसी भी गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन प्रात:काल नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत शंख पुष्पी की जड़ अपने घर में लेकर आएं इस जड़ को गंगाजल से पवित्र कर दें। पवित्र करने के उपरांत चांदी की डिब्बी में पीले चावल भरकर उसके ऊपर रख दें। श्रद्धानुसार धूप, दीप, नेवैद्य, पुष्प, अक्षत अर्पित कर पंचोपचार पूजन करें। उसके बाद इस डिब्बी को अपनी तिजोरी में रख दें। धन में वृद्धि और कारोबारमें लाभ होगा। हर गुरु पुष्य के दिन शंख पुष्पी की जड़ व चांदी की डिब्बी बदल दें। पहले वाली बहते पानी में प्रवाह कर दें।
कार्यक्षेत्र के व्यवधान दूर करने हेतु
यदि आपका व्यवसाय तकनीकी क्षेत्र का है और आपके व्यवसाय में हमेशा कोई न कोई मशीन बहुत जल्दी खराब होती हो तो यह उपाय बहुत ही लाभदायक रहेगा। किसी भी माह के प्रथम गुरुवार के दिन हल्दी, कुंकुम और केसर की स्याही बनाकर नौ इंच सफेद कच्चे धागे को रंग लें। तत्पश्चात उसमें नौ गांठ लगा दें। मशीन के ऊपर उसी स्याही से स्वास्तिक बनाकर उस धागे को बांध दें। मशीन खराब नहीं होगी और कर्मचारी में मन लगाकर काम करेंगे
सुख-शांति हेतु
यदि आपके परिवार में हमेशा कलह रहता हो पारिवारिक सदस्य सुख शांति से न रहते हो तो शनिवार के दिन सुबह काले कपड़े में जटा वाले नारियल को लपेटकर उस पर काजल की 21 बिंदी लगा लें। और घर के बाहर लटका दें। हमेशा घर बुरी नजर से बच कर रहेगा और हमेशा सुख-शांति रहेगी।
कार्य सफलता के लिए
किसी भी शुभ कार्य के लिए घर से बाहर निकलने से पूर्व दही में गुड़ या चीनी मिलाकर सेवन करके बाहर निकलने से कार्य में सफलता मिलती है। साथ ही घर से बाहर निकलते समय अपने पास कुछ धन राशि रख दें इस धन राशि से किसी जरूरत मंद व्यक्ति को खाने की चींज देकर निकल जाएं कार्य सफलता मिल जाएगी।
यदि जातक के अपने कर्म ठीक है, कार्य व्यवसाय में वह ईमानदारी से परिश्रम करता हो, उसके बावजूद भी कार्य में सफलता नहीं मिल रही हो अथवा घर में शांति नहीं हो तो इस प्रयोग से अवश्य शांति मिलेगी। प्रतिदिन स्नान के जल में एक आम का पत्ता, एक पीपल का पत्ता, दुर्वा-11, तुलसी का एक पत्ता और एक बिल्व पत्र डालकर मृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए स्नान करें तो सभी प्रकार के ग्रह पीड़ा व कष्टों से मुक्ति मिलेगी। मंत्र इस प्रकार है।-
ओम त्रयम्बकं यजामहे सुगंधि पुष्टिवर्धनं ऊर्व्वारुकमिव वंधनान्मृत्योर्मुक्षीय मां मृतात्।
जय श्री राम ॐ रां रामाय नम: श्रीराम ज्योतिष सदन, पंडित आशु बहुगुणा, संपर्क सूत्र- 9760924411