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२७ नक्षत्रों के सप्तवारादि युक्त नाडी मुहूर्त

२७ नक्षत्रों के सप्तवारादि युक्त नाडी मुहूर्त:
(१)अश्विनी नक्षत्र सप्तवारादि नाडी मुहूर्त:
अश्विनी नाडी मुहूर्त समय रविवार का दिन जानवरों की सेवा कार्य के लिये कहा गया है .
सोमवार में अश्विनी नाडी मुहूर्त में विवाद कार्य आरम्भ करने पर इस कार्य में व्यक्ति को सफलता मिलती है. अश्विनी नाडी मुहूर्त समय में युद्ध कार्य करने पर शत्रु पर विजय प्राप्त होती है.
मंगलवार की नाडी अवधि में यात्रा आरम्भ करने पर यात्रा की अवधि रोंचक व मनोरंजक होने की संभावनाएं बनती है.
अश्विनी नाडी बुधवार के दिन को सभी शुभ कार्यो के लिये प्रयोग किया जा सकता है. विवाह, ग्रह-प्रवेश इत्यादि के लिये इस नक्षत्र नाडी समय का उपयोग करना चाहिए.
गुरुवार के दिन अश्विनी नाडी की २४मिनट के समय में व्यक्ति को उत्सव या समारोह आरम्भ किया जा सकता है. इस समय में यह कार्य करने पर उत्सव के बिना बाधा संपन्न होने की संभावनाएं बनती है.
शुक्रवार में अश्विनी नाडी की समयावधि में विधा आरम्भ का कार्य करना चाहिए. यह मुहूर्त विधा प्राप्ति के अनुकुल रहता है. इस मुहुर्त में शिक्षा कार्य आरम्भ करने पर इस कार्य में सुगमता रहती है. इस नाडी अवधि को अगर शनिवार के दिन प्रयोग करने पर कार्य को लेकर मित्रों के विरोध का सामना करना पड सकता है. अर्थात इस अवधि को मुहुर्त कार्य के लिये प्रयोग करने पर मित्रों से संबन्ध खराब होने कि संभावनाएं बनती है.
(२) भरणी नक्षत्र सप्तवारादि नाडी मुहूर्त:
भरणी नक्षत्र की नाडी के रविवार के मुहूर्त समय में नये वस्त्र -आभूषण धारण करने का कार्य करना चाहिए.
भरणी नाडी मुहूर्तअवधि श्रंगार के कार्यो के भी अनुकुल रहती है. सोमवार की नाडी के विषय में भार्गव ऋषि ने कहा है कि इस समय को दुसरों के अहित कार्यो के लिये प्रयोग किया जा सकता है.
मंगलवार के नाडी समय में यात्रा कार्य आरम्भ नहीं करना चाहिए.भरणी नाडी मुहूर्त में यात्रा शुरु करने पर व्यक्ति को यात्रा के मार्ग में दुर्घटना का भय रहने की संभावना बनती है.
बुधवार की नाडी अवधि में व्यक्ति को शान्ति कार्य आरम्भ नहीं करने चाहिए. अन्यथा असफलता प्राप्त होने की संभावनाएं बनती है.
गुरुवार में भरणी नाडी समय में उतीर्ण होने संबन्धी कार्य किये जा सकते है. इस अवधि में परिक्षा देने पर व्यक्ति की सफलता की संभावनाओं में बढोतरी होती है.
शुक्रवार के दिन भरणी नाडी के मुहुर्त में चिकित्सा कार्य आरम्भ करने पर रोग बढ सकते है. इसलिये इस समय में ईलाज का कार्य आरम्भ नहीं करना चाहिए.
शनिवार के दिन अवधि में यन्त्र सिद्धि का कार्य करना चाहिए. भरणी नाडी मुहूर्त समय में यह मुश्किल कार्य करने में सुगमता रहती है.
(३)कृतिका नक्षत्र सप्तवारादि नाडी मुहूर्त:
कृतिका नाडी मुहूर्त रविवार समय में ग्रह प्रवेश नहीं करना चाहिए. अन्यथा घर में अशान्ति रहने की संभावना बनती है. इस नाडी समय सोमवार की अवधि में प्रतियोगियों के विरुद्ध कार्य करने पर सफलता प्राप्त होती है.
मंगलवार में कृतिका नाडी समय में ग्रह प्रवेश या फिर खेत में बीज डालने का कार्य करने पर इन्हें अग्नि का भय रहता है. अर्थात इस अवधि में ऎसे सभी नहीं करने चाहिए. जिनमें अग्नि लगने की संभावनाएं होती है.
बुधवार में कृतिका नाडी मुहूर्त को ग्रह निर्माण कार्य के लिये प्रयोग करना चाहिए. कृतिका नाडी मुहूर्त में घर का निर्माण करने पर घर में बार-बार सुधार करने की संभावनाएं कमी होती है.
कृतिका नाडी की गुरुवार की अवधि में विवाह कार्य आरम्भ करने पर वर-वधू के सौभाग्य में वृ्द्धि होती है.
कृ्तिका नक्षत्र शुक्रवार के नाडी मुहूर्त समय को किसी भी कार्य के लिये प्रयोग नहीं करना चाहिए.
शनिवार की नाडी समय में व्यक्ति के लिये कार्यक्षेत्र की बडी योजनाओं पर कार्य आरम्भ करना अनुकुल रहता है
(४)रोहिणी नक्षत्र सप्तवारादि नाडी मुहूर्त:
रविवार के दिन रोहिणी नाडी में घर निर्माण का कार्य आरम्भ किया जा सकता है.घर निर्माण कार्य के लिये रोहिणी नाडी मुहूर्त समय को प्रयोग किया जा सकता है.
सोमवार के नाडी समय में आप्रेशन या चिकित्सा कार्य आरम्भ करने पर सफलता व आरोग्य कि प्राप्ति होती है. जब व्यक्ति को किसी रोग का ईलाज कार्य शुरु करना हों तो मुहूर्त के इस समय में यह कार्य करना चाहिए.
मंगलवार के दिन रोहिणी नाडी में बालक को प्रथम बार भोजन नहीं कराना चाहिए. अन्यथा बालक के स्वास्थय में कमी रहने की संभावनाएं बनती है. इस समयावधि में विवाह के बाद वधु को प्रथम बार भोजन कराने संबन्धी कार्य भी नहीं करना चाहिए.
बुधवार के दिन रोहिणी नाडीमें अपने जीवन साथी के साथ समय बिताना अनुकुल रहता है
गुरुवार के दिन रोहिणी नाडी में व्यक्ति को यात्रा कार्य आरम्भ नहीं करना चाहिए. रोहिणी नाडी मुहूर्त समय में यह कार्य आरम्भ करने पर स्वास्थ्य संबधी परेशानियां आ सकती है.
शुक्रवार के दिन इस नाडी में विरोधियों पर प्रभाव बनाने में सफलता मिलती है.
शनिवार के दिनरोहिणी नाडी समय में व्यापारिक कार्य आरम्भ करने पर व्यक्ति के लाभों में वृ्द्धि होती है.
(५)मृ्गशिरा नक्षत्र सप्तवारादि नाडी मुहूर्त:
मृगशिरा नाडी मुहूर्त रविवार के दिन व्यक्ति को यात्रा आरम्भ नहीं करनी चाहिए.इस मुहूर्त समय में यात्रा आरम्भ करने पर मार्ग में व्यक्ति का धन खोने की संभावना बनती है.
यह नाडी समय सोमवार की अवधि में जानवरों की सेवा से जुडे कार्य करने पर उतम फलों की प्राप्ति होती है. जानवरों का क्रय-विक्रय करने के लिये भी इस मुहूर्त का प्रयोग किया जा सकता है. इसके अलावा जानवरों के अन्य कार्य अर्थात उनकी सवारी करने के कार्य में सफलता प्राप्त होती है.
मंगलवार के नाडी समय में शुभ कार्य नहीं करने के विषय में कहा गया है. वर्षा से जुडे उपाय इस मुहूर्त समय में विशेष रुप से नहीं करने चाहिए. वर्षा के कार्यो में इससे संबन्धित यज्ञ, हवन, दान, दक्षिणा का कार्य इस नाडी समय दिन मंगलवार में नहीं करना चाहिए.
मृ्गशिरा की बुधवार की नाडी मुहूर्त घर क्रय करने के लिये उपयुक्त रहता है. इस नाडी समय में उचित दामों में घर प्राप्त होने की संम्भावनाएं बनती रहती है.
गुरुवार के दिन मृ्गशिरा नाडी अवधि में व्यक्ति को शत्रुओं के विरूद्ध कार्य नहीं करना चाहिए. इस अवधि में यह कार्य करने पर व्यक्ति को शस्त्रों का भय रहता है. अर्थात स्थिति व्यक्ति के विपरीत होने की संभावनाएं बनती रहती है.
शुक्रवार की मृ्गशिरा नाडी मुहूर्त में शुभ कार्य आरम्भ करने पर व्यक्ति को असफलता मिल सकती है.इस नाडी समय में अशुभ कार्यो को किया जा सकता है.
शनिवार की मृ्गशिरा नाडी में यात्रा आरम्भ करने पर यात्रा से संबन्धित उद्देश्यों की प्राप्ति होती है. इसलिये जब व्यवसायिक कार्यो से जुडी कोई खास यात्रा करनी हों तो व्यक्ति को इस यात्रा को शनिवार की मृ्गशिरा नाडी समय में आरम्भ करना चाहिए.
(६) आर्द्रा नक्षत्र सप्तवारादि नाडी मुहूर्त:
भार्गव ऋषि ने आर्द्रा नाडी मुहुर्त समय के विषय में कुछ इस प्रकार कहा है. रविवार के दिन आर्द्रा नाडी मुहुर्त में सरकारी विभागों के अधिकारियों से मिलने अथवा व्यवसायिक कार्यो में उनसे संबन्धित कोई सहयोग चाहिए. हो़ तो व्यक्ति को इसके लिये आर्द्रा नाडी मुहुर्त में यह कार्य करना चाहिए. आर्द्रा नाडी का सोमवार की अवधि में प्रतियोगियों की नितियों को असफल करने का कार्य किया जा सकता हे. इस नाडी में कोई टेंडर इत्यादि खुलने का यह समय हों, या निलामी में भाग लेने पर प्रतियोगियों पर सरलता से विजय प्राप्त की जा सकती है.
मंगलवार की आर्द्रा नाडी समय में मित्रों से किसी विषय पर विवाद नहीं करना चाहिए. अन्यथा आपसी रिश्ते खराब होने कि संभावना बनती है. यह नाडी समय मित्रता के पक्ष से अच्छा नहीं रहता है. इस नाडी समय में व्यक्ति को कोई भी नई मित्रता आरम्भ नहीं करनी चाहिए.बुधवार के दिन आर्द्रा नाडी में शत्रुओं पर अपना प्रभाव बनाने संबन्धी कार्य किये जा सकते है. अपने प्रतियोगियों को शान्त करने के लिये आर्द्रा नाडी समय अनुकुल रहता है.
गुरुवार की इस नाडी की अवधि में शिक्षा संबन्धी कार्यो में सफलता प्राप्त की जा सकती है. उच्च शिक्षा आरम्भ करने के लिये अथवा अपनी योग्यता में वृ्द्धि करने के लिये यह नाडी समय अनुकुल होता है.
शुक्रवार की आर्द्रा नाडी अवधि में संतान की शिक्षा आरम्भ किया जा सकता है. संतान की शिक्षा इस नाडी अवधि में आरम्भ करने पर शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति होने की संभावनाएं बनती है. इस नाडी समय में कोई भी शैक्षिक कार्य आरम्भ करना विशेष रुप से शुभ रह्ता है.आर्द्रा नाडी का शनिवार के समय में कोई भी व्यापार आरम्भ नहीं करना चाहिए. इस नाडी अवधि में व्यक्ति जिस भी व्यापार की शुरुआत करता है. उस में बाधाएं, असफलता व हानि की संभावनाएं बनी रहती है.
(७)पुनर्वसु नक्षत्र सप्तवारादि नाडी मुहूर्त:
पुनर्वसु नाडी मुहूर्त रविवार के दिन देवी-देवताओं की प्रतिमा की प्रतिष्ठा करने का कार्य करना चाहिए. पुनर्वसु नाडी मुहूर्त समय में प्राण-प्रतिष्ठा का कार्य करने पर मूर्ति में सदैव के लिये प्राण आने की संभावनाएं बनती है. सोमवार की नाडी अवधि में पहली बार ग्रह प्रवेश करने के लिये इस नाडी समय का प्रयोग करना चाहिए.
पुनर्वसु नाडी की मंगलवार की अवधि में व्यक्ति को समझौते संबन्धी कार्य करने चाहिए. यह नाडी शान्ति स्थापित करने के कार्यो के भी अनुकुल रहती है. इस अवधि में व्यक्ति मध्यस्थ के रुप में कार्य कर लाभ प्राप्त कर सकता है.
बुधवार के दिन पुनर्वसु नाडी अवधि में व्यक्ति जिस भी कार्य को आरम्भ करता है उसे उस कार्य में सफलता प्राप्त होती है. इसलिये इस समयावधि में बडी योजनाओं पर कार्य शुरु करना उतम रहता है. मुश्किल कार्यो को सुगमता से करने के लिये पुनर्वसु नाडी मुहूर्त समय का प्रयोग किया जा सकता है.
गुरुवार की पुनर्वसु नाडी में व्यक्ति को ऎसे कार्य आरम्भ नहीं करने चाहिए. जिनमें बल व शक्ति का प्रयोग होता है. अन्यथा शक्ति के व्यर्थ होने की संभावनाएं बनती है. पुनर्वसु नाडी समय में व्यक्ति को खेती के कार्यो को आरम्भ नहीं करना चाहिए. खेती से जुडे कार्यो में भूमि पर हल नहीं चलाना चाहिए
शुक्रवार के दिन पुनर्वसु नाडी समय को व्यक्ति जब मुहूर्त समय के लिये प्रयोग करता है. तो उस कार्य में मानसिक चिन्ताएं बनी रहने की संभावना बनती है. इससे व्यक्ति के सुखों में कमी होती है. भौतिक सुख-सुविधाओं में बढोतरी करने के लिये भी पुनर्वसु नाडी मुहूर्त समय को प्रयोग नहीं करना चाहिए. पुनर्वसु नाडी अवधि में ऎश्वर्य से जुडी वस्तुएं क्रय नहीं करनी चाहिए. इस अवधि में वस्तुएं खरीदने पर यह सुखों में वृ्द्धि करने के स्थान पर परेशानियों को बढाने में सहयोग करती है.
शनिवार के पुनर्वसु नाडी समय में जिस योजना पर कार्य आरम्भ किया जाता है उस योजना के कार्यो को पूरा करने के लिये अधिक मेहनत करनी पडती है पुनर्वसु नाडी मुहूर्त में शुभता की कमी के कारण व्यक्ति को इस योजना के कार्यो को एक से अधिक बार करना पड सकता है.
(८)पुष्य नक्षत्र सप्तवारादि नाडी मुहूर्त:
पुष्य नाडी मुहूर्त रविवार के दिन व्यक्ति शुभ कार्य आरम्भ कर सकता है.पुष्य नाडी मुहूर्त में मांगलिक कार्य भी आरम्भ करने पर मुहूर्त के शुभ प्रभाव से कार्य के निर्विध्न संपन्न होने की संभावनाएं बनती है. कार्यो में सहयोग के लिये यह समय मुहूर्त व्यक्ति को सहयोग करता है.
पुष्य नाडी की सोमवार की अवधि में व्यक्ति समय व वार की शुभता से अमृ्त योग बनता है पुष्य नाडी मुहूर्त की शुभता के फलस्वरुप व्यक्ति इस समय में जिस भी कार्य को आरम्भ करता है उस कार्य की आयु में वृ्द्धि होती है. इसलिये इस मुहुर्त समय में घर प्रवेश, वधु प्रवेश, ग्रह निमाण, व्यापार का आरम्भ इत्यादि कार्य किये जा सकते है.
मंगलवार की पुष्य़ नाडी के 24 मिनट की समयावधि में शुभ कार्य आरम्भ करने चाहिए. ऎसा करने पर इस समयावधि में अन्य शुभ समाचार सुनने को मिलने की संभावनाएं बनती है. इस समय अवधि में अशुभ कार्य आरम्भ करने पर अशुभ सूचनाएं प्राप्त हो सकती है. इसलिये पुष्य नाडी मुहूर्त को शुभ कार्यो के लिये प्रयोग करना चाहिए.
बुधवार के दिन पुष्य नाडी अवधि का समय मुश्किल कार्यो को करने के लिये होता है. इस अवधि में कठिन कार्यो को करने पर इन्हें सरलता से पूरा किया जा सकता है. यंत्र, मंत्र सिद्धि का कार्य इस मुहूर्त समय में किया जा सकता है. बुधवार की इस नाडी समय को विशेष रुप से मुश्किल कार्यो का आरम्भ करने के लिये प्रयोग करना चाहिए.
गुरुवार की पुष्य़ नाडी में व्यक्ति को अपने वाहन से यात्रा नहीं करनी चाहिए. इस अवधि में यह कार्य करने पर वाहन की हानि होने की संभावनाएं बनती है. तथा यात्रा के उद्देश्य की भी पूर्ण प्राप्ति नहीं हो पाती है. पुष्य नाडी की
शुक्रवार की अवधि में व्यक्ति को मित्रों से जुडे कार्य नहीं करने चाहिए. इस मुहूर्त में बन्धु से मिलाप का कार्य भी नहीं करना चाहिए. अन्यथा संबन्धों में कडवाहट आने की संभावना बनती है.
शनिवार के दिन की पुष्य नाडी में नौकरी, व्यापार अथवा लाभ वृ्द्धि के कार्य करने चाहिए. व्यापारिक कार्यो के लिये यह नाडी समय अनुकुल रहता है.
(९) अश्लेषा नक्षत्र सप्तवारादि नाडी मुहूर्त:
रविवार की अश्लेषा नाडी अवधि में लाभ वृ्द्धि के कार्य करने पर धन की हानि होने कि संभावनाएं बनती है. अश्लेषा नाडी मुहूर्त समय के फलस्वरुप व्यक्ति की आर्थिक स्थिति भी प्रभावित हो सकती है.
अश्लेषा नाडी सोमवार की अवधि में उत्सव व समारोह के कार्य आरम्भ किये जा सकते है. इस समयावधि को खुशी व मंगल उत्सव कार्यो के लिये प्रयोग किया जा सकता है. अश्लेषा नाडी मुहूर्त की शुभता से इस नाडी समय में किये गये शुभ कार्यो के बिना बाधा के पूरा होने कि संभावनाएं बनती है.
मंगलवार के दिन अश्लेषा नाडी अवधि में सूचना की प्रतिक्षा होने पर व्यक्ति को शुभ समाचार सुनने को मिलते है. अश्लेषा नाडी मुहूर्त के इस समय में किसी भी समाचार का इंतजार सकारात्मक रुप में प्राप्त होता है.
इस नाडी की बुधवार की अवधि में व्यक्ति में मंत्र सिद्धि के कार्य करने चाहिए.अश्लेषा नाडी मुहूर्त का यह समय इस प्रकार के कार्यो में सफलता देने में सहयोग कर सकता है.
अश्लेषा नाडी गुरुवार का दिन यात्रा संबन्धी कार्यो के लिये सही रहता है. इसलिये इस दिन व्यापारिक यात्रा आरम्भ करने पर यात्रा से लाभ होने की संभावनाएं बनती है.
शुक्रवार के दिन अश्लेषा नाडी मुहूर्त समय में वाहन क्रय करने का कार्य किया जा सकता है. वाहन क्रय करने के लिये यह समयावधि व्यक्ति को सहयोग करती है. इस अवधि में लिया गया वाहन व्यक्ति के उद्धेश्यों के अनुरुप होने की संभावनाएं बनती है.
अश्लेषा नाडी मुहूर्त में वार व नक्षत्र दोनों का शुभ प्रभाव प्राप्त होता है.
शनिवार की अश्लेषा नाडी में धन से संबन्धित कार्य करने चाहिए.अश्लेषा नाडी मुहूर्त में धन विनियोजन का कार्य करना लाभकारी रहता है. धन ऋण पर देने के लिये भी यह समय मुहूर्त अवधि व्यक्ति के अनुकुल रहती है. अश्लेषा नाडी मुहूर्त में यह कार्य करने पर व्यक्ति के धन की वृ्द्धि की संभावना बनती है.
(१०)मघा नक्षत्र सप्तवारादि नाडी मुहूर्त:
मघा नाडी रविवार के दिन मुहुर्त समय में प्रतियोगियों को परास्त करने का कार्य किया जा सकता है. इस समय में मुहूर्त का सहयोग व्यक्ति के पक्ष में होने के कारण व्यक्ति सुगमता से अपने शत्रुओं पर अपना प्रभाव बनाये रखने में सफल होता है.
सोमवार के दिन की मघा नाडी मुहूर्त में देश सुरक्षा से संबन्धित नई नितियों को लागू करना लाभकारी रहता है.मघा नाडी मुहूर्त में यह कार्य करने पर नितियों की सफलता की संभावनाएं बनती है.
मंगलवार की मघा नाडी में व्यक्ति को शुभ कार्य नहीं करने चाहिए. अन्यथा मघा नाडी मुहूर्त में किये गये कार्यो में असफलता प्राप्त होने की संभावना बनती है. बडी व विशेष कार्यो को इस मुहूर्त समय में कभी भी आरम्भ नहीं करना चाहिए.
बुधवार की मघा नाडी में गर्भाधान का कार्य सफलता पूर्वक किया जा सकता है. मघा नाडी मुहूर्त की शुभता से व्यक्ति की संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी होने की संभावनाएं बनती है. इसकी शुभत से संतान सुख की संभावनाएं बलवती होती है.
गुरुवार की मघा नाडी को शारीरिक बल में वृ्द्धि के लिये प्रयोग करना चाहिए. व्यवसायिक क्षेत्र में टीम सदस्यों का गठन करने के लिये भी यह मुहूर्त समय उपयुक्त रहता है. इसी प्रकार राजनैतिक क्षेत्र में अपना शक्ति प्रदर्शन के लिये इस मुहूर्त समय का प्रयोग करने पर व्यक्ति को संबन्धित क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है.
शुक्रवार केमघा नाडी समय में कार्यालय संबन्धी मिंटींग कार्य करने चाहिए. बातचीत के जरीये अपनी बात स्पष्ट करने के लिये यह मुहूर्त समय अनुकुल रहता है. वार्तालाप से संबन्धी सभी कार्यो को मघा नाडी मुहूर्त समय में करना लाभकारी रहता है .
शनिवार की मघा नाडी में जीवन साथी की खोज के कार्य में सफलता प्राप्त होती है. विवाह के लिये जीवन साथी को ढूंढने के लिये मुहूर्त की शुभता का सहयोग प्राप्त होता है.
(११)पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र सप्तवारादि नाडी मुहूर्त:
पूर्वाफाल्गुनी नाडी मुहूर्त रविवार के दिन व्यक्ति को मित्रता करने संबन्धी कार्य करने चाहिए.इसके अलावा पूर्वाफाल्गुनी नाडी मुहूर्त में अन्य शुभ कार्य भी किये जा सकते है. साथ ही साथ पूर्वाफाल्गुनी नाडी मुहूर्त में प्रतियोगिताओं में भाग लेने पर विजय की प्राप्ति होती है.
पूर्वाफाल्गुनी नाडी की सोमवार की अवधि में व्यक्ति को घूमने -फिरने का कार्य करना चाहिए. मनोरंजन संबधी कार्य करना भी इस अवधि में शुभ रहता है.पूर्वाफाल्गुनी नाडी अपने शौक से संबन्धी कार्यो के लिये निर्धारित की गई है.
पूर्वाफाल्गुनी नाडी की मंगलवार की अवधि में व्यापारिक कार्य करने पर धन लाभ की संभावनाएं बनती है. मुहूर्त का यह समय धन को बढाने के लिये किये जाने वाले कार्यो के अनुकुल होता है इसलिये इस अवधि में धन ऋण पर देना, धन को लम्बी अवधि के लिये विनियोजित करने का कार्य करना भी लाभकारी रहता है.
बुधवार के दिन पूर्वाफाल्गुनी नाडी के २४ मिनट की अवधि में व्यक्ति को अपने शत्रुओं से सावधान रहना चाहिए. शत्रुओं को परास्त करने के लिये नियोजन किया जा सकता है. गुरुवार की नाडी अवधि में व्यक्ति शुभ कार्य आरम्भ न करें. इस मुहूर्त अवधि में व्यक्ति को अपने भाईयों से वाद-विवाद नहीं करना चाहिए इस समय भाईयों से जुडे कार्य करने से भी बचना चाहिए. अन्यथा संबन्ध खराब होने की संभावनाएं बनती है.
शुक्रवार के नाडी समय में शुभ कार्य आरम्भ करना चाहिए. इससे जीवन में सदैव के लिये प्रसन्नता का भाव रहने की संभावनाएं बनती है.
शनिवार की नाडी अवधि में नये व्यापार का आरम्भ नहीं करना चाहिए. इससे आर्थिक स्थिति के प्रभावित होने की संभावनाए बनती है.
(१२)उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र सप्तवारादि नाडी मुहूर्त:
उत्तराफाल्गुनी नाडी का मुहूर्त समय रविवार के दिन व्यक्ति को शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिये करना चाहिए. उत्तराफाल्गुनी नाडी की अवधि में अपने शत्रुओं की नितियों को प्रभावहीन करना सुगम होता है. उत्तराफाल्गुनी नाडी अवधि दिन सोमवार का समय विवाह कार्यो के अनुकुल होता है सोमवार के नाडी समय में विवाह कार्य संपन्न करने पर यह सबन्ध आजीवन भर के लिये बनने कि संभावनाए रहती है.
मंगलवार के दिन उ.फा. नाडी मुहूर्त में शुभ कार्य नहीं करने चाहिए. इस मुहूर्त में व्यक्ति जिस भी शुभ कार्य को करता है. उसे उस कार्य से जुडे फलों की पूर्ण प्राप्ति नहीं हो पाती है. इस नाडी अवधि में अशुभ या दूसरों के अहित के कार्य किये जा सकते है.
बुधवार की नाडी मुहूर्त में नये मित्र बनाना शुभ रहता है. इस अवधि में बने मित्र व्यक्ति का उम्रभर साथ निभाते है. तथा समय पडने पर सहयोग भी करते है. उत्तराफाल्गुनी नाडी मुहूर्त का प्रयोग व्यवसायिक क्षेत्र में करने के लिये इस समय में दूसरी बडी कम्पनियों से मित्रता संबन्ध के लिये प्रयास करना व्यक्ति के लिये लाभकारी रहता है.
गुरुवार के दिन नाडी मुहूर्त में लाभों से जुडे कार्य करने पर संतोषजनक लाभों की प्राप्ति की संभावनाएं बनती है. ऋषि भार्गव ने उत्तराफाल्गुनी नाडी मुहूर्त समय के विषय में कहा है कि इस समय में जो भी कार्य आरम्भ किया जाता है. उस कार्य में व्यक्ति को संतोष के भाव की प्राप्ति होती है.
शुक्रवार की नाडी अवधि को नई यात्रा के लिये प्रयोग करना चाहिए. इस अवधि में यात्रा कार्यो में सफलता प्राप्ति की संभावनाएं बनती है. इस नाडी अवधि में की गई यात्रा के पूर्ण फल प्राप्त होने की संभावनाएं बनती है.
शनिवार की उत्तराफाल्गुनी नाडी समय में साहस से संबन्धित कार्य करने चाहिए.उत्तराफाल्गुनी नाडी मुहूर्त में साहस व जोखिम के कार्य करने पर व्यक्ति के पराक्रम में वृ्द्धि होती है. उत्तराफाल्गुनी नाडी मुहूर्त इस इस समय में ऎसे भी कार्य किये जा सकते है. जिन्हें करते हुए व्यक्ति के साहस में कमी रहने की संभावना होती है.
(१३)हस्त नक्षत्र सप्तवारादि नाडी मुहूर्त:
हस्त नाडी अवधि में रविवार के दिन बातचीत के जरिये काम पूरे होते है. इसलिये हस्त नाडी मुहूर्त के इस समय में ऎसे सभी कार्य करने चाहिए. जो वार्तालाप में कमी के कारण अब तक किसी न किसी कारण से पूरे नहीं हो सके थे. हस्त नाडी अवधि में जिस भी विषय पर बातचीत आरम्भ की जाती है. उस कार्य में सफलता प्राप्त होने की संभावना बनती है.
सोमवार के दिन की नाडी अवधि को प्रवेश कार्यो के लिये प्रयोग किया जा सकता है.इसलिये हस्त नाडी मुहूर्त की अवधि में व्यक्ति प्रवेश संबन्धी सभी कार्य कर सकता है. ग्रह प्रवेश- वधू प्रवेश जैसे कार्यो के लिये इस मुहूर्त का प्रयोग किया जा सकता है.
मंगलवार की नाडी अवधि में व्यक्ति को विवाह नहीं करना चाहिए. हस्त नाडी में विवाह कार्य करने पर व्यक्ति को समय से पहले ही अपना जीवन साथी खोना पड सकता है. इस प्रकार के अशुभ प्रभावों से बचने के लिये व्यक्ति को इस समयावधि में विवाह नहीं करना चाहिए.
बुधवार के दिन हस्त नाडी मुहूर्त समय को अपने अधिकारिक वृ्द्धि के लिये प्रयोग किया जा सकता है.
गुरुवार की नाडी की अवधि में परिवार व मित्रों से संबन्धित कोई कार्य नहीं करना चाहिए. इस समय में इनसे जुडा कोई कार्य करने पर संबन्धों में मतभेद आने की संभावनाएं बनती है.
शुक्रवार के दिन की नाडी में धन से जुडे कार्य करने पर धन की हानि होती है. इस मुहूर्त अवधि में धन व लाभ के कार्य नहीं करने चाहिए.
शनिवार की हस्त नाडी में आरोग्य संबन्धी कार्य किये जा सकते है. रोगी को ठिक करने के लिये इस समय में ईलाज आरम्भ किया जा सकता है.
(१४)चित्रा नक्षत्र सप्तवारादि नाडी मुहूर्त:
चित्रा नाडी अवधि रविवार के दिन नया व्यापार आरम्भ करना चाहिए. इस मुहूर्त की शुभता से व्यापारिक लाभ प्राप्त होने की सम्भावनाएं बनती है. इस नाडी की सोमवार की अवधि के समय में जो भी कार्य आरम्भ किया जाता है उस कार्य में सफलता प्राप्त होती है.चित्रा नाडी की मंगलवार के २४ मिनट की अवधि को भौतिक सुख सुविधाओं में बढोतरी के लिये प्रयोग किया जा सकता है.इस नाडी की बुधवार की अवधि में कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है. मुहूर्त के इस समय कार्य करने पर सुखों में वृ्द्धि होती है. गुरुवार के दिन की चित्रा नाडी में प्रेम प्रसंगों में सफलता मिलने की संभावना रहती है. शुरुवार चित्रा नाडी में शुभ कार्य करने पर मन में क्लेश का भाव आ सकता है. इसलिये शुभ कार्यो को इस मुहूर्त समय में आरम्भ नहीं करना चाहिए. शनिवार की चित्रा नाडी में शुभ कार्य करने पर कार्य से संबन्धित चिन्ताओं में वृ्द्धि होती है.
(१५)स्वाति नक्षत्र सप्तवारादि नाडी मुहूर्त:
स्वाति नाडी मुहूर्त के रविवार के दिन संतान गोद लेने का कार्य करने पर इस कार्य में सफलता प्राप्त होती है. इस मुहूर्त समय में संतान के कार्यो सुगमता से किये जा सकते है.
स्वाति नाडी की सोमवार की अवधि में कृ्षि संबन्धी कार्य नहीं करने चाहिए. अन्यथा फसल की हानि होने की संभावनाएं बनती है.
स्वाति नाडी की मंगलावार की अवधि को विवाह कार्य के लिये प्रयोग नहीं करना चाहिए.अन्यथा वर-वधू में मनमुटाव की स्थिति रहने की संभावनाएं बनती है.
इस नाडी के बुधवार के दिन को व्यापार के विस्तार के लिये प्रयोग किया जा सकता है. व्यापार की नई बडी योजनाओं पर कार्य आरम्भ करने के लिये यह समय अनुकुल रहता है.
गुरुवार के दिन की स्वाति नाडी में वाद-विवाद में विजय प्राप्त होती है. इस समय में भाषण व तर्क संबन्धी कार्य करने पर भी सफलता प्राप्त हो सकती है.
शुक्रवार के दिन स्वाति नाडी में जो भी कार्य आरम्भ किया जाता है. उस कार्य में कठिनाईयां आने की संभावना बनती है. इसलिये कठिनाईयों से बचने के लिये इस समय को मुहूर्त कार्यों के लिये प्रयोग नहीं करना चाहिए.
शनिवार की स्वाति नाडी अवधि में पडौसी दुश्मन देश पर आक्रमण करने के लिये अनुकुल रहता है. इस अवधि में आक्रमण आरम्भ करने पर दुसरे देश पर विजय प्राप्ति की संभावनाएं बनती है.
(१६)विशाखा नक्षत्र सप्तवार आदि नाडी मुहूर्त:
विशाखा नाडी मुहूर्त में रविवार के दिन विवाह कार्य संपन्न करने का कार्य किया जा सकता है .
सोमवार के दिन इस मुहुर्त में शुभ कार्य किये जा सकते है.
मंगलवार के दिन विशाखा नाडी मुहूर्त में कार्य करने पर मन में दु:ख की भावना रहने की संभावना रहती है. बुधवार के दिन इस मुहुर्त समय में कार्य आरम्भ करने पर कोई बुरी खबर सुनने को मिल सकती है.
विशाखा मुहूर्त में गुरुवार के दिन कार्य आरम्भ करने पर व्यक्ति के धन में वृ्द्धि होने की संभावनाएं बनती है. शुक्रवार के विशाखा मुहूर्त कार्य में जीवन साथी का सुख प्राप्त होता है.
विशाखा नाडी समय मुहुर्त का प्रयोग शनिवार के दिन करने पर व्यक्ति इस अवधि में जो भी कार्य आरम्भ करता है. उस कार्य में कलह होने के बाद लाभ होने की संभावनाएं बनती है.
(१७)अनुराधा नक्षत्र सप्तवार आदि नाडी मुहूर्त:
अनुराधा नाडी मुहूर्त मे रविवार के दिन व्यवसाय आरम्भ करने का कार्य करना उतम फल देता है. इस नाडी मुहूर्त में व्यापारिक कार्य करने पर सफलता प्राप्त होती है.
सोमवार के दिन इस मुहूर्त समय का प्रयोग यात्रा के लिये किया जा सकता है .सोमवार के दिन अनुराधा नाडी मुहूर्त में यात्रा जिस उद्धेश्य के लिये कि जा रही है उस उद्धेश्य की प्राप्ति होती है.
अनुराधा नाडी मुहूर्त मंगलवार का होने पर शत्रुओं पर विजय प्राप्ति के कार्य करने के लिये अनुकुल रहता है.
मंगलवार की अनुराधा नाडी मुहूर्त मे कोई भी कार्य आरम्भ नहीं करना चाहिए. अन्यथा कार्य की हानि होने की संभावनाएं बनती है.
बुधवार के दिन अनुराधा नाडी में दिया गया ऋण वापस प्राप्त हो सकता है. अर्थात इस समय में ऋण वापस लेने का प्रयास करना लाभकारी रहता है.
गुरुवार के अनुराधा नाडी मुहुर्त में शत्रुओं को हानि पहुंचाने का कार्य सफलता पूर्वक किया जा सकता है. अर्थात अपने विरोधियों को शान्त करने के लिये यह नाडी समय सहयोगी रहता है.
शुक्रवार के दिन अनुराधा नाडी समय में सरकारी विभागों से जुडे कार्य किये जा सकते है . यह समयावधि सरकारी कार्यो के लिये विशेष रुप से शुभ रहती है.
शनिवार के अनुराधा नाड़ी मुहूर्त समय में तंत्रादी अनुष्ठान करना सफल दायक सिद्ध होता है.
(१८)ज्येष्ठा नक्षत्र सप्तवार आदि नाडी मुहूर्त
ज्येष्ठा नाडी समय में रविवार के दिन मुहूर्त कार्य करने पर कलह होने कि संभावनाएं बनती है.
सोमवार के दिन की ज्येष्ठा समय को परिक्षा व उतीर्ण होने से संबन्धित कार्य करने पर इन कार्यो में सफलता मिलती है.प्रतियोगी परिक्षाओं के लिये भी इस समय का प्रयोग किया जा सकता है.
मंगलवार के दिन ज्येष्ठा नाडी समय में शक्ति प्रदर्शन कार्य किये जा सकते है. अर्थात अपनी कुशलता, योग्यता का प्रदर्शन करने के लिये यह नाडी समय व्यक्ति के लिये अनुकुल रहता है.
बुधवार के दिन ज्येष्ठा नाडी में प्रेम प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं करना चाहिए.
गुरुवार की ज्येष्ठा नाडी समय को मुहुर्त कार्य में प्रयोग करने पर व्यक्ति को शारीरिक कष्ट होने की संभावनाएं बनती है.
मुश्किल कार्यो को शुक्रवार की ज्येष्ठा नाडी में आरम्भ करने पर व्यक्ति को इन कार्यो में सरलता से सफलता प्राप्ति हो सकती है.
शनिवार में इस नाडी समय में जो भी कार्य किया जाता है. उस कार्य में शत्रुओं के कारण बाधाएं आने की संभावनाएं बनती है.
(१९)मूल नक्षत्र सप्तवार आदि नाडी मुहूर्त
रविवार के दिन मूळ नाडी मुहूर्त में धन लाभ से जुडे कार्य किये जा सकते है. इस मुहूर्त समय में शुभ कार्य करने पर आय में वृ्द्धि होती है. मूल नाडी मुहूर्त समय में सोमवार के दिन संपति व धान्य से संबधित कार्य करने पर इनमें बढोतरी होने की संभावनाएं बनती है. सोमवार के दिन मूल नाडी समय में संपति लेने का कार्य करना शुभ रहता है. मंगलवार के दिन मूल नाडी मुहूर्त का प्रयोग दूसरों का अहित करने के लिये किया जा सकता है.बुधवार की मूळ नाडी समय की अवधि में व्यक्ति को अपनी कार्य कुशलता का कार्य करना चाहिए. अपने योजना की रिपोर्ट या कार्य का प्रस्तुतिकरण के कार्य में सफलता प्राप्त की जा सकती है. इस मुहूर्त समय में गुरुवार के दिन अपने प्रिय को वस्तु भेंट करने का कार्य किया जा सकता है. शुक्रवार की मूळ नाडी समय मित्रों से मिलने के लिये उचित होता है. शनिवार के मुहूर्त समय में मित्रों से वार्तालाप करने से आर्थिक मदद मिलने की सम्भावना बनी रहती है.
(२०)पूर्वाषाढा नक्षत्र सप्तवार आदि नाडी मुहूर्त
पूर्वाषाढा नाडी मुहूर्त समय में रविवार के दिन व्यापारिक कार्य आरम्भ किये जा सकते है. पू. आषाढा नाडी मुहूर्त समय की शुभता से व्यक्ति के लाभों में वृ्द्धि की संभावनाओं को सहयोग प्राप्त होता है.
सोमवार के नाडी समय में रोगी की चिकित्सा या दवाई कार्य करने पर रोगी को आरोग्य की प्राप्ति होती है.स्वास्थय सुख पाने के लिये पूर्वाषाढा नाडी मुहूर्त के इस समय का प्रयोग किया जा सकता है.
मंगलवार में पूर्वाषाढा नाडी अवधि में वाहन व पशु लेने के कार्य किये जा सकते है.
बुधवार के मुहूर्त समय में कोई भी शुभ कार्य आरम्भ नहीं करना चाहिए.
गुरुवार की नाडी की शुभता से व्यक्ति इस मुहुर्त समय में वार्ता या वाद-विवाद की योग्यता दिखाने के कार्य करने चाहिए.
शुक्रवार की पूर्वाषाढा नाडी मुहूर्त समय में तंत्र सिद्धि के कार्य करने पर इन कार्यो में सफलता प्राप्त होती है. शनिवार की अवधि में पूर्वाषाढा नाडी को शत्रुओं के लिये व्ययूरचना के लिये करना हितकारी रहता है
(२१)उत्तराषाढा नक्षत्र सप्तवार आदि नाडी मुहूर्त:
रविवार के दिन की उत्तराषाढ़ा नाडी समय में नवनिर्माण के प्रयोग करने चाहिए. या फिर मुश्किल कार्यो को करने के लिये यह समय अनुकुल रहता है.
उत्तराषाढ़ा नाडी मुहूर्त समय सोमवार में सफलता प्राप्त के कार्य किये जा सकते है. अर्थात इस समय में ऎसे कार्य करने चाहिए जिसमें व्यक्ति उतीर्ण होने की आशा रखता है. इस प्रकार के कार्य इस नाडी समय में आरम्भ करने चाहिए.
मंगलवार के नाडी मुहूर्त समय में कार्य आरम्भ करने पर कार्य सिद्धि की प्राप्ति होती है.
बुधवार की दिन की उत्तराषाढ़ा नाडी मुहूर्त कार्य करने पर शारीरिक कष्ट होने की संभावनाएं बनती है. इसलिये इस समय में कार्य आरम्भ करने से बचना चाहिए.
गुरुवार की उत्तराषाढ़ा नाडी का मुहूर्त व्यक्ति के मन में चिन्ताएं लेकर आता है. इस मुहूर्त में जो भी कार्य किया जाता है. उस कार्य को लेकर व्यक्ति सदैव चिन्तित रहता है.
शुक्रवार उत्तराषाढ़ा नाडी मुहूर्त में कृ्षि कार्य करने पर धान्य में वृ्द्धि होती है. मुहूर्त के प्रभाव से फसल में वृ्द्धि होती है
उत्तराषाढ़ानाडी मुहूर्त शनिवार के दिन वाहन लेना शुभ रहता है
(२२)श्रवण नक्षत्र सप्तवार आदि नाडी मुहूर्त:
श्रवण नाडी मुहूर्त समय रविवार में जीवन साथी को वस्तु भेंट कार्य किये जा सकते है.
इस नाडी में सोमवार के दिन कृ्षि के कार्य किये जा सकते है. इस मुहूर्त समय में खेतों में बीज डालने का कार्य करना लाभकारी रहता है.
मंगलवार श्रवण नाडी के समय में नया वाहन लेना हितकारी रहता है. वाहन का पहली बार प्रयोग करने के लिये भी यह समय अनुकुल रहता है.
श्रवण नाडी की बुधवार की अवधि में व्यक्ति जिस भी कार्य को आरम्भ करता है उस कार्य मंर बाधाओं के बने रहने की संभावना होती है. इसलिये बुधवार के नाडी समय को मुहूर्त कार्यो के लिये प्रयोग नहीं करना चाहिए. इस नक्षत्र नाडी का गुरुवार का समय प्रतियोगियों पर विजय प्राप्ति के कार्यो के अनुकुल रहता है.
शुक्रवार की श्रवण नाडी में चिकित्सा संबन्धी कार्य नहीं करने चाहिए. आरोग्य संबधी कार्य इस समय में करने पर व्यक्ति के रोग में वृ्द्धि की संभावनाएं बनती है.
श्रवण नाडी शनिवार मुहूर्त समय में कार्य आरम्भ करने पर कार्यसिद्धि को लेकर व्यक्ति में असंतोष का भाव रहता है.
(२३)धनिष्ठा नक्षत्र सप्तवार आदि नाडी मुहूर्त:
भार्गव ऋषि के द्वारा बनाई गई मुहूर्तों में से धनिष्ठा नाडी रविवार के दिन खेती से जुडे कार्य नहीं करने चाहिए. इस समय में इस प्रकार के कार्य करने पर खेती में हानि होने की संभावनाएं बनती है.
सोमवार के दिन के धनिष्ठा नाडी मुहूर्त में लाँटरी कार्यो से लाभ हो सकता है.
मंगलवार कि धनिष्ठा की नाडी में व्यक्ति को वाहन के क्रय-विक्रय से संबन्धित कार्य करने चाहिए. इस अवधि में यह कार्य करने पर लाभ होने की संभावनाएं बनती है.
बुधवार की धनिष्ठा नाडी मुहूर्त समय में शान्ति स्थापित करने के कार्य करना शुभ रहता है. गुरुवार के दिन इस नाडी के समय मे व्यक्ति को प्रतियोगियों या शत्रुओं के विरोध के कार्य नहीं करने चाहिए. इस मुहुर्त में यह कार्य करने पर व्यक्ति को शत्रुओं से पराजय प्राप्त होने की संभावनाएं बनती है.
शुक्रवार की धनिष्ठा नाडी के मुहूर्त को नेतृ्त्व सम्बन्धी कार्य करने के लिये प्रयोग करना हितकारी रहता है .
धनिष्ठा नक्षत्र की शनिवार की नाडी समयावधि में दूसरों की प्रशंसा का कार्य करने पर संबन्धों में स्नेह भाव में वृ्द्धि होती है.
(२४)शतभिषा नक्षत्र सप्तवार आदि नाडी मुहूर्त:
शतभिषा नाडी मुहूर्त समय में रविवार के दिन यात्रा करना उतम रहता है. इस मुहूर्त समय में यात्रा आरम्भ करने पर यात्रा कार्य में सफलता मिलती है.
सोमवार की अवधि के नाडी समय को सरकारी क्षेत्रों के कार्यो को सफलता पूर्वक किया जा सकता है.
मंगलवार युक्त शतभिषा नाड़ी मुहूर्त में यन्त्र निर्माण करने में सिद्धि प्राप्ति होती है.
बुधवार की नाडी में व्यक्ति को यात्रा आरम्भ नहीं करनी चाहिए . इस समय में यात्रा आरम्भ करने पर व्यक्ति के धन हानि की संभावनाएं बनती है. गुरुवार के दिन शतभिषा नाडी समय में शुभ कार्य करने पर सम्मान की प्राप्ति होती है. शतभिषा नाडी मुहूर्त के इस समय में कोई किताब प्रकाशित करने पर व्यक्ति के यश में बढोतरी होने की सम्भावनाएं बनती है.
शतभिषा नाडी शुक्रवार के दिन तंत्र सिद्धि का कार्य करने पर सरलता से किया जा सकता है.
शनिवार के दिन इस नक्षत्र नाडी में अशुभ ( दूसरों के अहित के कार्य ) कार्य किये जा सकते है. शुभ कार्यो को इस अवधि में नहीं करना चाहिए
(२५)पूर्वाभाद्रपदा नक्षत्र सप्तवार आदि नाडी मुहूर्त:
पूर्वाभाद्रपदा नाडी मुहूर्त रविवार के मुहूर्त समय में कोर्ट-कचहरी के कार्यो को आरम्भ करना चाहिए. इस समय में अदालत से जुडे कार्य आरम्भ करने पर व्यक्ति को इन कार्यो में सफलता प्राप्त होती है.
सोमवार की नाडी में धार्मिक कार्यो को आरम्भ करने पर कार्य में पूर्ण सफलता प्राप्ति की संभावनाएं बनती है.यह समय धर्म क्रियाओं में व्यक्ति की आस्था व विश्वास को बनाये रखने में सहयोग करता है.
पूर्वाभाद्रपदा नाड़ी मंगलवार कि अवधि को वैवाहिक कार्यो के लिये प्रयोग किया जा सकता है . अर्थात इस समयावधि में विवाह करना शुभ रहता है. बुधवार की पूर्वाभाद्रपदा नाडी अवधि मं प्रतियोगियों पर विजय प्राप्ति के कार्य करने चाहिए. नाडी गुरुवार के दिन नये व्यापार का आरम्भ करने पर व्यापार में दिन दुगुणी रात चौगुणी तरक्की होने की संभावनाएं बनती है.
पूर्वाभाद्रपदा के शुक्रवार के दिन शुभ कार्य आरम्भ करने पर कार्य के मध्य की अवधि में अन्य शुभ समाचार सुनने को मिलता है. अर्थात पूर्वाभाद्रपदा नाडी मुहूर्त शुभ कार्य की शुभता में वृ्द्धि करता है.
शनिवार में पूर्वाभाद्रपदा नाडी में समझौते व शान्ति के कार्य नहीं करने चाहिए. अन्यथा मतभेद उत्पन्न होने की संभावनाएं बनती है.
(२६)उत्तरा भाद्रपदा नक्षत्र सप्तवार आदि नाडी मुहूर्त:
उत्तरा भाद्रपद नाडी मुहूर्त रविवार के दिन दवाई आरम्भ करने पर रोगी को स्वास्थय लाभ प्राप्त होता है.
उत्तरा भाद्रपद सोमवार की नाडी की अवधि में जीवन साथी प्राप्ति के प्रयास करने पर उतम साथी की प्राप्ति होती है.
मंगलवार के दिन इस नाडी में जो भी कार्य किया जाता है. उस कार्य में व्यक्ति को सफलता प्राप्त होती है.
बुधवार की नाडी मुहूर्त में धन विनियोजन का कार्य करना लाभकारी रहता है.उत्तरा भाद्रपद नाडी मुहूर्त समय में यह कार्य करने पर व्यक्ति के उतम आय की प्राप्ति की संभावनाएं बनती है.
गुरुवार के दिन उ.भा. नाडी की अवधि में व्यापार का आरम्भ व व्यापार के विस्तार का कार्य करना लाभकारी रहता है.
शुक्रवार में उत्तरा भाद्रपद नाडी अवधि में शुभ कार्य नहीं करने चाहिए. अशुभ कार्यो को इस अवधि में किया जा सकता है.
उत्तरा भाद्रपद नाडी दिन शनिवार की अवधि जीवन साथी के साथ कार्यो में सहयोग करने के लिये उपयुक्त रहती है.
(२७) रेवती नक्षत्र सप्तवार आदि नाडी मुहूर्त:
रेवती नाडी मुहूर्त समय रविवार में शत्रुओं के विरोध के कार्यों में सफलता मिलती है. रेवती नाडी समय में शत्रुओं को पराजित करने के लिये योजना बनाने का कार्य भी इस समयावधि में किया जा सकता है.
सोमवार के दिन रेवती नाडी के समय में सभी शुभ कार्य किये जा सकते है. इस अवधि में शुभ कार्य करने पर व्यक्ति को मनोवांछित फल प्राप्त होने की संभावनाएं बनती है
मंगलवार की नाडी में व्यापार आरम्भ करने पर लाभ प्राप्ति हो सकती है. बुधवार के समय की नाडी में दान-धर्म के कार्य करने चाहिए. पुन्य कार्य करने के लिये यह समय अनुकुल रहता है. इस नाडी का गुरुवार के समय में पदोन्नति के लिये प्रयास करने पर पद स्तर में वृ्द्धि करने में सहयोग प्राप्त होता है.
रेवती नाडी शुक्रवार के २४ मिनट में गैर-परम्परागत कार्यो को किया जा सकता है. परिवार की परम्परा से हटकर कार्य करने पर व्यक्ति के अनुकुल फल प्राप्त करने की संभावनाएं बनती है.
शनिवार में रेवती नाडी में संतान संबन्धी कार्य नहीं करने चाहिए. अन्यथा शुभ फल नहीं मिलते है.

जय श्री राम ॐ रां रामाय नम:  श्रीराम ज्योतिष सदन, पंडित आशु बहुगुणा, संपर्क सूत्र- 9760924411