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मंगल’ लाइफ में कैसे लाता है। अमंगल

मंगल’ लाइफ में कैसे लाता है। अमंगल -

मंगल ग्रह के बारे में छोटे बच्चे भी बहुत कुछ जानते हैं। ‘मंगल यान’ और ‘मंगल मिशन’ से आमजन परिचित हैं। इसी साल मंगल ग्रह पर एक छोटा-सा हैलीकाप्टर 1 मिनट की उड़ान भी भर चुका है। खगोल विज्ञान के अनुसार मंगल सूर्य से दूरी में चौथा और सातवां बड़ा ग्रह है। सूर्य से यह 22 करोड़ 79 लाख किलोमीटर दूर है। यहां की मिट्टी लाल है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में इसका उल्लेख बहुत पुराना है।

भारत में आम जनता मंगलवार का व्रत -

रखती है। मांस-मदिरा से परहेज करती है। विवाह संबंधों में मंगलीक जातक के बारे अवश्य विचार किया जाता है। 9 ग्रहों का अपना स्वभाव और अलग-अलग कारक तत्व होते हैं। मंगल ग्रह को सभी ग्रहों के सेनापति का दर्जा मिला हुआ है। इसका शुभ होना जीवन में लक्ष्यों को प्राप्त करने में अहम भूमिका निभाता है। मंगल को पृथ्वी पुत्र कहा जाता है। इसलिए यह व्यक्ति को साहसी बनाता है। और लक्ष्य की प्राप्ति में साहस की विशेष भूमिका होती है। जिन जातकों की कुंडली में मंगल ग्रह शुभ भाव में होते हैं। ऐसे लोग काफी बुद्धिमान, प्रतापी और ऊर्जावान होते हैं। ज्योतिष में मंगल को मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी माना जाता है। मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल ग्रह कर्क राशि में ही नीच के और मकर राशि में उच्च राशि के माने जाते हैं।

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सभी नौ ग्रहों का अपना स्वभाव और अलग-अलग कारक तत्व होते हैं। वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को सभी ग्रहों का सेनापति का दर्जा मिला हुआ है। साथ ही मंगल ग्रह को भूमि पुत्र कहा जाता है। मंगल ग्रह भूमि, लाल रक्त, सैन्य शक्ति, युद्ध और क्रोध आदि का कारक है। ज्योतिष में ऐसा माना जाता है। कि जिन जातकों की कुंडली में मंगल ग्रह शुभ भाव में होते हैं ऐसे लोग काफी बुद्धिमान, प्रतापी और ऊर्जावान होते हैं। ज्योतिष में मंगल को मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी माना जाता है। मंगल ग्रह कर्क राशि में ही नीच के और मकर राशि में उच्च राशि के माने जाते हैं। सिंह राशि में मंगल के गोचर से चार राशि के जातकों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

ये चार राशियां इस प्रकार हैं।

मेष राशि -

मंगल के सिंह राशि में आने से मेष राशि के जातकों को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि में आपकी सेहत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। वाहन चलाते समय विशेष सावधानी रखें अन्यथा आपके चोटिल होने की संभावना है। हालांकि धन को लेकर स्थिति ठीक रहेगी।

कर्क राशि -

सिंह राशि में मंगल के गोचर से कर्क राशि के लोगों को संभलकर चलना होगा। इस अवधि में आपको बोलने में भी सावधानी रखना होगा, वरना वाद-विवाद से नुकसान हो सकता है। अपने क्रोध में नियंत्रण रखें। धन की बचत कर पाने में आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। कुटुंब में पारिवारिक कलह रह सकता है।

सिंह राशि -

इस अवधि में आपको अधिक क्रोध आएगा। जरा-जरा सी बात में आप झगड़ा कर सकते हैं। इस अवधि में आपके स्वभाव में अहंकार की वृद्धि हो सकती है। जीवनसाथी से मनमुटाव के साथ-साथ झगड़ा आदि भी हो सकता है। आपकी सेहत कुछ कमजोर रह सकती है। इसलिए अपनी सेहत का ध्यान रखें।

धनु राशि -

धनु राशि के जातकों के लिए मंगल का यह गोचर सेहत के मामले में कष्टकारी हो सकता है। इस अवधि में आपको अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा। नौकरी-व्यापार में आपको सामान्य परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। गोचर की संपूर्ण अवधि आपके सामान्य परिणामकारी रह सकती है।

इस दौरान भारतीय सेना का पराक्रम भी दुनिया को दिखेगा। हालांकि, मंगल को क्रूर ग्रह भी कहा जाता है।  इसलिए शनि की दृष्टि पड़ने से देश-दुनिया में आगजनी, भूकम्प, जनविद्रोह और कुछ जगहों पर रक्तपात जैसे गम्भीर हालात भी बन सकते हैं। यह संपत्ति, भूमि, घर, कभी-कभी वाहन और कई इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों का, केबल क्वॉइल और ऊर्जा उन्मुख उपकरणों का भी कारक माना जाता है।

मंगल लड़कियों की कुंडली में -

प्रेमी / जीवनसाथी का भी प्रतिनिधित्व करता है। मंगल ग्रह अपनी स्थिति के आधार पर रचनात्मकता और विनाशकारी दोनों ही तरह की ऊर्जाओं को दर्शाता है। सूर्य, चंद्र और बृहस्पति इसके मित्र हैं। जबकि बुध, राहू इसके शत्रु हैं। मंगल ग्रह शनि और केतु के साथ तटस्थ संबंध रखता है। यदि मंगल जातक की कुंडली में लाभकारी है। तो व्यक्ति बहुत सक्रिय हो जाता है। लेकिन यदि कुंडली में मंगल कमजोर है। तो व्यक्ति दुर्घटनाओं, ऑप्रेशन, हड्डियों, यकृत की समस्याओं के कारण पिड़ित हो सकता है। मंगल का गोचर घरेलू वातावरण को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। क्योंकि यह आवेशपूर्ण स्थितियां पैदा कर देता है। मंगल कम्युनिकेशन से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकता है। और आपको असभ्य बना सकता है।

मंगल आपको जल्दबाज बना सकता है। -

और जल्दी गुस्सा दिला सकता है। आप इसके कारण अपने पेशेवर और सामाजिक जीवन में भी बहस करने वाले बन सकते हैं।  सम्भवत: यह आपकी प्रतिष्ठा को धूमिल कर सकता है। मंगल अशुभ होने से व्यक्ति के स्वभाव और आचरण पर भी प्रभाव पड़ता है। मंगल जब अशुभ होता है। तो जीवन में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। भाई-बहनों से संबंध प्रभावित होते हैं । संतान प्राप्ति में बाधा आती है।  क्रोध के कारण संबंध और कार्य प्रभावित होते हैं।  दाम्पत्य जीवन में तनाव और कलह की स्थिति बनती है। मंगल दोष तलाक का कारण भी बनता है। विवाद की स्थिति बनाता है। व्यक्ति झगड़ा करने को आतुर रहता है।

मंगल के सामान्य उपाय -

मंगल को शुभ बनाना बहुत जरूरी है। मंगल के खराब होने से जॉब, करियर, बिजनैस, लव रिलेशनशिप और दाम्पत्य जीवन में बाधाएं आती है। मंगल ग्रह को ऐसे शुभ बना सकते हैं।

मंगल के दोष को दूर करने के लिए हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।

बड़े भाई-बहनों से संबंध मधुर रखना अति मुश्किल भरा होगा लेकिन प्रयास अवश्य करना चाहिए। चीनी त्याग कर, गुड़ ही खाना चाहिए। घर में दक्षिण दिशा को साफ, शुद्ध एवं काले रंग से मुक्त रखें।

जय श्री राम ॐ रां रामाय नम: श्रीराम ज्योतिष सदन, पंडित आशु बहुगुणा, संपर्क सूत्र- 9760924411