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जीवन के लक्षणों से पता चलता है। ग्रहों की

जीवन के लक्षणों से पता चलता है। ग्रहों की स्थिति और अशुभ प्रभाव 

नौ ग्रहों की स्थिति का मनुष्य के जीवन पर खास असर पड़ता है। किस ग्रह की स्थिति आपके लिए अशुभ साबित हो रही है। यह रोजाना की घटनाओं के आधार पर भी पता लगाया जा सकता है। कुछ लक्षण आपको बता सकते हैं कि किस ग्रह की अशुभ स्थिति आपको अशुभ फल दे रही है।

 सूर्य अशुभ -

अगर आपके चेहरे पर तेज का अभाव है। आप हमेशा थका-थका महसूस करते हैं। आलस्य महसूस करते हैं। हृदय के आसपास कमजोरी का आभास होता है। नौकरी रोजगार में बाधा आ रही है। राजकीय कार्य असफल हो रहे हैं। सरकारी नौकरी में बाधा  है। सर दर्द अथवा बुखार से अधिक परेशान होते हैं। तो समझ लीजिए सूर्य की स्थिति अशुभ है।

 चंद्रमा अशुभ -

अगर आप अक्सर निराश और दुखी रहते हैं। बात-बात पर रोते हैं। अधिक सर्दी जुकाम से परेशान होते हैं। मानसिक विचलन होता है। अँधेरे में भय लगता है। पूर्णिमा -अमावस्या को मानसिक अवसाद अथवा विचलन के शिकार होते हैं। कार्य क्षेत्र और मन में अस्थिरता रहती है। ,माता से अनबन रहती है। तो आपका चन्द्रमा अशुभ हो सकता है।  मानसिक असंतुलन और गुमसुम रहना भी चंद्रमा के अशुभ होने के लक्षण हैं। भावनाओं को प्राथमिकता देते हैं। तो चन्द्रमा प्रभावी।

 मंगल अशुभ -

आंख का कमजोर होना, जोड़ों में दर्द, हड्डियों में दर्द, खून की कमी, पीलिया जैसे रोग कमजोर मंगल के लक्षण हैं। पराक्रम ,उत्साह की कमी ,डरपोक होना अथवा वेवजह की विवाद उत्पन्न करना ,वाणी कर्कश और कटु होना , बेवजह कलह होना आदि भी कमजोर अथवा अशुभ मंगल से हो सकते हैं।

 बुध अशुभ -

हकलाकर बोलना, बार-बार हिचकी आना या किसी भी प्रकार का वाणी दोष बुध की अशुभ स्थिति का लक्षण है। इसके अलावा, कर्ज में पड़ना, पड़ोसियों से अनबन नर्वस सिस्टम का कमजोर पड़ना भी कमजोर बुध के लक्षण हैं। भ्रमित रहते हैं तो बुध की स्थिति अच्छी नहीं।

बृहस्पति अशुभ -

 बिना वजह आपको अपयश मिल रहा हो, दोष मढ़े जा रहे हों, श्वास दोष के शिकार हों, ऐसा महसूस करते हों कि किसी की गुलामी करनी पड़ रही है। तो समझें आपका बृहस्पति कमजोर है। धन का चोरी होना, बुरे सपने आना और असफल प्रेम भी कमजोर बृहस्पति के लक्षण हैं। मंगल कार्यों में बाधा ,शिक्षा में व्यवधान ,आवेश ऊर्जा की कमी भी गुरु के कारण हो सकता है।

 शुक्र अशुभ -

अगर आप त्वचा रोग से पीड़ित हैं।  स्वप्नदोष, पराई स्त्री की इच्छा करते  हैं। गुप्त रोग होते हैं। ,सिर पर काफी कर्ज है। और परिश्रम के बावजूद आर्थिक लाभ नहीं कमा पा रहे तो समझिए आपका शुक्र अशुभ स्थिति में है।

 शनि अशुभ 

व्यवसाय में हानि , धनहानि, रोजगार-व्यवसाय में हानि, मान सम्मान में हानि आदि अशुभ शनि के लक्षण हैं। बीमारी, अचानक मृत्यु या दुर्घटना आदि भी अशुभ शनि के लक्षण हैं। अपने नीचे के कर्मचारियों से मतभेद हो ,हर कार्य में विलम्ब हो तो भी शनि अशुभ हो सकता है।

 राहू अशुभ -

अनिद्रा , किसी काम में अरुचि, रोजगार की हानि, बुरे स्वप्न आना, नींद न आना, बदनामी, घर से निकाला जाना आदि राहु की कमजोर स्थिति के लक्षण हैं। स्वप्न में अधिक साँपों का दिखना ,निम्न वर्ग से नुक्सान होना ,निम्न वर्ग का विरोधी होना आदि भी अशुभ राहू के लक्षण हैं।

 केतू अशुभ -

अचानक कर्ज बढ़ने लगे, लड़ाई-झगड़े हों, आग से नुकसान हो, दुश्मन आपको नुकसान पहुंचाने में कामयाब हो तो समझिए केतू कि स्थिति अशुभ है। जंगली जानवर ,कुत्ते बिल्ली आदि से भय हो ,जीव जंतु अधिक काटें ,गुमसुम रहे ,अचानक रुचियों में परिवर्तन हो ,स्वभाव में चिडचिडापन रहे। तो भी केतु अशुभ हो सकता है।

अगर उपरोक्त लक्षण दिखें तो सबसे बेहतर है। की किसी योग्य ज्योतिषी से संपर्क किया जाए और उनकी सलाह के अनुसार अशुभता का निवारण किया जाए ।

जय श्री राम ॐ रां रामाय नम: श्रीराम ज्योतिष सदन, पंडित आशु बहुगुणा, संपर्क सूत्र- 9760924411